IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

संक्षिप्त महाभारत, प्रथम खण्ड (Sankshipt Mahabharat, First Volume) Book Code: 0039

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विश्व के उत्कृष्ट विचारकों, तत्त्वान्वेषकों, समालोचकों द्वारा भारतीय ज्ञान के विश्वकोश के रूप में समादृत महाभारत की महिमा का कोई पार नहीं है। इसमें ज्ञान, वैराग्य, भक्तियोग, नीति, सदाचार, प्राचीन इतिहास, राजनीति, कूटनीति आदि-मानव जीवनोपयोगी विविध विषयों का समावेश है। यह शास्त्रों में पंचम वेद की मान्यता से अलंकृत है। सबको इस अगाध ज्ञान से परिचित कराने के उद्देश्य से ही सम्पूर्ण महाभारत का यह सार गीताप्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया है। सचित्र, सजिल्द (दो खण्डों में सेट)।

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