IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

अध्यात्म-रामायण (Adhyatma-Ramayan)-GITA PRESS

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यह परम पवित्र गाथा भगवान् शंकर द्वारा आदिशक्ति जगदम्बा पार्वतीजी को सुनायी गयी थी। यह कथा ब्रम्हाण्डपुराण के उत्तरखण्ड में आयी है, अतः इसके रचयिता भी महामुनी व्यास हैं। इसमें परम रसायन रामचरित्र का वर्णन और प्रसंगानुसार भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, उपासना, सदाचार सम्बन्धी उपदेश एवं अध्यात्मतत्व के विवेचन की प्रधानता है। सरल भाषानुवाद में मूल के साथ सचित्र, सजिल्द।

These sacred verses are extract from the latter portion of the Brahmand Puran composed by the great Ved Vyas. These verses are a dialogue between Lord Shankar and goddess and universal mother Parvati. This pious story was recited to the universal mother Parvati by the Lord Shankar. This religious book contains the ideal characteristics of Lord Ram, the precept related to devotion, knowledge, dispassion, adoration and good conduct. The main context of the book is based on spiritual and metaphysical knowledge. The book is available in Hindi commentary. It is hard-bound, with illustration.

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