IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari: Sahir Ludhianavi

99.00 90.00

साहिर ने जब लिखना शुरू किया तब इक़बाल, जोश, फैज़, फ़िराक़, वगैरह शायरों की तूती बोलती थी, पर उन्होंने अपना जो विशेष लहज़ा और रूख अपनाया, उससे न सिर्फ उन्होंने अपनी अलग जगह बना ली बल्कि वे भी शायरी की दुनियाpar छ गये। प्रेम के दुःख-दर्द के अलावा समाज की विषमताओं के प्रति जो आक्रोश हमें unki शायरी में मिलता है, वह उन्होंने अपना विशिष्ट स्थान दिलाता है।


Product details

  • Paperback: 128 pages
  • Publisher: Rajpal & Sons (Rajpal Publishing); 2015 edition (27 October 2014)
  • Language: Hindi
  • ISBN-10: 9350641984
  • ISBN-13: 978-9350641989
  • Package Dimensions: 21.2 x 13.8 x 1 cm

The Shipping charges include packing, shipping, forwarding and our agency charges.
The shipping charges given here are for national destinations.

Reviews