IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

शिवोपासना-अंक (Shiv-Upasana-Ank)-GITA PRESS

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इस विशेषांक में भगवान् शिव से सम्बन्धित तात्त्विक निबन्धों के साथ शास्त्रों में वर्णित शिव के विविध स्वरूप, शिव-उपासना की मुख्य विधाएँ, पञ्चमूर्ति, दक्षिणामूर्ति, ज्योतिर्लिंग, नर्मदेश्वर, नटराज, हरिहर आदि विभिन्न स्वरूपों के विवेचन, आर्ष ग्रन्थों के आधारपर शिव-साधना की पद्धति, भारत के विभिन्न प्रदेशों में अवस्थित शिव मन्दिर तथा शैव तीर्थों का विस्तृत परिचय और विवरण आदि है।

This special number of Kalyan describes beautifully different articles on the absolute Shiv, various forms of Shiv presented in scriptures, main procedure of worshiping Shiv, Pancha-Murti, Dakshin-Murti, Jyotirling, Narmadeshwar, Natraj, Harihar and other form of Shiv based on religious books. The book also includes the authentic information of different Shiv temples situated in different provinces and Shiv pilgrimages.

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