IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

श्रीश्रीचैतन्य-चरितावली (Shri-Shri-Chaitanya-Charitavali)-GITA PRESS

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प्रस्तुत पुस्तक में मात्र चार सौ वर्ष पूर्व बंगाल में भक्ति और प्रेम की अजस्र धारा प्रवाहित करने वाले कलिपावनावतार श्री चैतन्य महाप्रभु का विस्तृत जीवन-परिचय है। स्वनामधन्य परम संत श्री प्रभुदत्त जी ब्रह्मचारी द्वारा प्रणीत यह ग्रन्थ श्री चैतन्य देव के सम्पूर्ण जीवन-चरित्र की सुन्दर परिक्रमा है। इसमें कीर्तन के रंग में रँगे महाप्रभु की लीलाएँ, अधर्मों के उद्धार की घटनाएँ, श्री चैतन्य में विभिन्न भगवद्भावों का आवेश, यवनों को भी पावन करने की कथा, श्रीवास, पुण्डरीक, हरिदास आदि भक्तों के चरित्र, श्री रघुनाथ का गृह-त्याग आदि अलौकिक प्रेमपूर्ण घटनाओं को पढ़कर हृदय प्रेम-समुद्र में डुबकी लगाने लगता है। वास्तव में महाप्रभु का सम्पूर्ण जीवन-चरित्र भगवद्भक्ति का महामन्त्र है।

This book is a biography of Chaitanya Mahaprabhu who propagated the incessant current of love and devotion in East Bengal some four hundred years ago. A picturesque life-sketch of Chaitanya Mahaprabhu has been beautifully portrayed by renowned saint Sri Prabhudatt Brahmachari. The book contains various aspects of Chaitanya Mahaprabhu's life such as his being engrossed always in chanting divine name, liberating of some vile persons, stories regarding purification of Yavanas, abandonment of his home and family etc.

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