IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

श्रीमद्भगवद्गीता तत्त्व विवेचनी, मराठी (Shrimadbhagvadgita Tattva Vivechani, Marathi)-GITA PRESS

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भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यवाणी से निःसृत सर्वशास्त्रमयी श्रीमद्भगवद्गीता की विश्वमान्य महत्ता को दृष्टि में रखकर इस अमर संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से गीता प्रेस के आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रम्हलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दका द्वारा प्रणीत श्रीमद्भगवद्गीता की एक दिव्य टीका। इसमे 2515 प्रश्न और उनके उत्तर के रूप में प्रश्नोत्तर शैली में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लेकों की विस्तृत व्याख्या के साथ अनेक गूढ़ रहस्यों का सरल, सुबोध भाषा में सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्याय से सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति भी श्रीमद्भगवद्गीता के रहस्यों को आसानी से हृदयंगम कर अपने जीवन को धन्य कर सकता है।

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