IISGNII गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

सूर्यांक (Surya-Ank)-GITA PRESS

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भगवान् सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। इन में समस्त देवताओं का निवास है। अतः भगवान् सूर्य सभी के लिये उपास्य और आराध्य हैं। प्रस्तुत विशेषांक में विभिन्न संत-महात्माओं के सूर्य-तत्त्व पर सुन्दर लेखों के साथ वेदों, पुराणों, उपनिषदों तथा रामायण इत्यादि में सूर्य-सन्दर्भ, भगवान् सूर्य के उपासनापरक विभिन्न स्तोत्र, देश-विदेश में सूर्योपासना के विविध रूप तथा सूर्य-लीलाका सरस वर्णन है।

Lord Surya is an absolute God. He is the very abode of all gods. Surya is worshipped and meditated by everyone. This volume contains a vivid description of divine sports played by Lord Surya alongwith the scholarly articles written by saints and accomplished souls on Surya-Tattva assisted with references present in Vedas, Puranas, Upanishads, and Ramayan. The book also includes different means of sun worship prevailed throughout the world and hymns.

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